मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

270 Part

35 times read

1 Liked

वेश्या मुंशी प्रेम चंद दयाकृष्ण उस सुकुमारी का वह तमतमाया हुआ चेहरा, वे जलती हुई आँखें, वह काँपते हुए होंठ देखकर काँप उठा। उसकी दशा उस आदमी की- सी हो गयी, ...

Chapter

×